Lack Of Sleep and Hairfall नींद की कमी बन सकती है हेयर फॉल की भी वजह, साउंड स्लीप के लिए इन बातों का रखें ध्यान

Lack Of Sleep and Hairfall

हाइलाइट्स

कम सोने से हार्ट अटैक का खतरा और ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है.
कम सोने से बालों की क्वालिटी खराब होती है और वो झड़ते भी हैं.

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Lack Of Sleep and Hairfall – दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें भयंकर नींद आती है और कुछ को नींद आती ही नहीं. ये दोनो ही कंडीशन काफी अजब गजब हैं. अगर किसी को नींद नही आती, तो उसके चेहरे के हाव भाव से ही ये साफ नजर आता है. अगर कोई ढंग से ना सोए तो उसके सिर में दर्द और आंखों में भारीपन बना रहता है. इसलिए कहा भी जाता है, अच्छे ढंग से नींद लेना सेहत के लिए बहुत जरूरी है. आपने सुना होगा कम सोने से हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है, हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत बनी रहती है. पर अगर आपसे कोई कहे कि कम सोने से आपके बाल भी झड़ने शुरू हो जाते हैं, तो क्या आप मानेंगे? आइए जानते हैं, नींद और हेयर लॉस का क्या कनेक्शन है.

क्या होता है कम नींद का बॉडी पर प्रभाव
स्टाइल क्रेज के अनुसार अगर आप अपनी स्लीप साइकल में कम सोते हैं, तो आपको स्ट्रेस बना रहता है जिससे आपके हेड में ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ जाता है. ऐसे में बालों की जड़ों तक ब्लड, न्यूट्रिएंट और ऑक्सीजन सप्लाई सही ढंग से नही होती, जिससे बाल कमज़ोर हो जाते हैं. इसलिए यह बहुत जरूरी है, की आप अच्छे ढंग से अपनी नींद पूरी कर लें.

कितने घंटे की नींद है जरूरी
एक आम इंसान को बॉडी की रिकवरी और वर्किंग के लिए कम से कम सात से आठ घंटे की नींद जरूरी होती है. अगर कोई भी इससे कम सोता है, तो उसकी बॉडी में टेंशंस बनी रहती हैं. अगर ढंग से नही सो पाते, तो यह आजमाएं.
अपनी स्लीप साइकल को रेगुलर करने की कोशिश करें.
साथ ही यह भी जरूरी है कि आप सोते वक्त अपने कमरे में अंधेरा या डिम लाइट रखें.
ढंग से नींद ना आने का एक कारण आस पास होता शोर भी हो सकता है, इसलिए नींद को टूटने से बचाने के लिए शांत जगह पर सोएं.

सर्दियों में एक्सरसाइज करने से पहले इन बातों पर रखें खास ध्यान, हमेशा फिट और हेल्दी रहेंगे

Men do excercise at home

एक्सरसाइज करते समय गर्म कपड़ों को अवॉयड करने की भूल बिल्कुल न करें सर्दियों में. एक्सरसाइज करते समय शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी का भरपूर सेवन करें क्सरसाइज करते समय शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए.

Exercise tips for winters:  कई लोग एक्सरसाइज करना पसंद करते हैं सर्दियों में फिट और हेल्दी रहने के लिए. आप न सिर्फ बॉडी को स्ट्रॉन्ग बना सकते हैं बल्कि सर्दियों से भी खुद को सुरक्षित रख सकते हैं डेली लाइफ में कोई न कोई फिजिकल वर्कआउट (Physical workout) करके .  आप भी सर्दियों में रोज एक्सरसाइज करते हैं  तो ऐसे में बेस्ट रिजल्ट हासिल कर सकते हैं. अगर कुछ बातों का खास ख्याल रखकर आप कसरत के 

शरीर में गर्माहट आ जाती है सर्दियों में एक्सरसाइज करने से. मगर  अक्सर कुछ बातों को नजरअंदाज कर देते हैं डेली वर्कआउट करते समय लोग. जिसके कारण  साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं आपकी सेहत पर एक्सरसाइज के. इसलिए  सर्दियों में एक्सरसाइज करने के कुछ टिप्स हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसे अपनी फिटनेस आसानी से मेंटेन रख सकते हैं फॉलो करके आप .

वुलन कपड़े जरूर पहनें
एक्सरसाइज करने से बॉडी में गर्माहट आ जाती है सर्दियों में कुछ समय तक और शुरू हो जाता है आपको पसीना आना भी.  गर्म कपड़ों को अवॉयड कर देते हैं ऐसे में कई लोग एक्सरसाइज करते समय. ठंड भी लग सकती है जिससे आपको. वॉटर प्रूफ और पॉलीप्रोपाइलीन जैसे सिंथेटिक कपड़े पहन सकते हैं इसलिए सर्दियों में एक्सरसाइज करते समय. पसीना आने पर गीले नहीं होंगे इससे आपके गर्म कपड़े और आप बच सकेंगे ठंड से भी.

सनस्क्रीन लगाना न भूलें
हल्की धूप का आनन्द लेना सभी को बेहद पसंद होता है ठंड के मौसम में . सन टैन का भी कारण बन सकती है मगर सर्दी की धूप आपकी त्वचा पर. हाथ, पैर और त्वचा के खुले भागों पर सनस्क्रीन अप्लाई करें इसलिए धूप में एक्सरसाइज करने से पहले . साथ ही काला चश्मा पहनना न भूलें सर्दियों में मॉइश्चराइजर, लिप बाम और आंखों की सुरक्षा के लिए.

ब्रेक लेते रहें
शरीर का तापमान तेजी से चेंज होता है सर्दिंयों में लगातार एक्सरसाइज करने से. जिसका असर पड़ने लगता है ब्लड सर्कुलेशन पर और आप भी शिकार हो सकते हैं ब्रेन फ्रीजिंग जैसी परेशानी का . इसलिए लगातार एक्सरसाइज सर्दियों में करने से बचें और ब्रेक लेकर थोड़ा रेस्ट जरूर कर लें कसरत करते समय बीच-बीच में.

ड्रिंक्स का सेवन करें
कम पीते हैं सर्दियों में लोग पानी. पसीना काफी निकलता है वहीं एक्सरसाइज करते समय. डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम हो सकती है ऐसे में आपको. हाइड्रेट रखने के लिए खूब पानी पीएं इसलिए सर्दियों में शरीर को. आप जूस, सूप या प्रोटीन शेक का सेवन भी कर सकते हैं साथ ही एक्सरसाइज करने से पहले.

Yoga Session: सूर्य नमस्‍कार के 12 स्‍टेप संपूर्ण शरीर को बनाता है मजबूत, जानें इसे करने का सही तरीका

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डॉक्‍टर की सलाह के बाद ही अभ्‍यास करें अगर आप हार्ट पेशेंट है तो .सूर्य नमस्‍कार के आसनों का अभ्‍यास करें अपनी क्षमता के अनुसार ही.

Yoga Session With Savita Yadav : एक ऐसा योगाभ्‍यास है, जो सेहतमंद रखने में मदद कर सकता है हमारे शरीर के साथ-साथ मष्तिष्‍क को भी. आप बीमारियों से दूर रहने के साथ साथ आप बेहतर महसूस करेंगे अगर आप इसका रेग्‍युलर अभ्‍यास करें तो.

इसे 12 स्‍टेप में की जाती है ट्रेडिशनल सूर्य नमस्‍कार की बात करें तो. और हर स्‍टेप के मंत्र होते हैं इसके, जिसे आप बोलते हैं अभ्‍यास के साथ. इसके करते समय चक्र,सांस लेने का तरीका,पोजीशन, मंत्र, आदि पर ध्‍यान दिया जाता है.

इसका हमारी सेहत पर अधिक प्रभाव देखने को मिलता है अगर आप सूर्य नमस्‍कार से पहले कुछ सूक्ष्‍मयाम आदि कर लें तो. World News फेसबुक लाइव सेशन में ट्रेडिशनल सूर्य नमस्‍कार के बारे में जानकारी दी और इसका अभ्‍यास कराया योगाचार्या सविता यादव (Savita Yadav) ने.

सूर्य नमस्‍कार के समय सावधानियां
 अपने सांसों पर विशेष ध्‍यान देंअभ्‍यास के समय.
डॉक्‍टर की सलाह के बाद ही अभ्‍यास करें अगर आप हार्ट पेशेंट है तो.
-पीछे ना झुकें कमर दर्द है तो . डिग्री तक ही आगे की तरफ झुकें कम दर्द है तो 90.  
-इसका अभ्‍यास करें अपनी क्षमता के अनुसार ही.

ध्‍यान से करें शुरुआत
 सबसे पहले मैट पर पद्मासन में बैठें अपने और दोनों आंखों को बंद करें ध्‍यान करने के लिए. अब ओम शब्‍द का उच्‍चारण करें और सांसों पर ध्‍यान केंद्रित करें अपनी आती जाती.आप कुछ सूक्ष्‍मयाम का अभ्‍यास करें इसके बाद.

इस तरह करें सूर्य नमस्‍कार

  • प्रणामासन प्रणाम की मुद्रा बनाकर सीधा खड़े हो जाएं  अपने अपने मैट पर. आपस में मिले होने चाहिए आपके दोनों पैर .सीधी रखें अपनी कमर गर्दन और मुद्रा में रहें सावधान की.
  • हस्तउत्तनासन अब दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए पीछे की तरफ झुकें गहरी सांस लेते हुए धीरे से. कुछ देर होल्‍ड करने का प्रयास करें इस मुद्रा में.
  • पादहस्तासन हाथों से पैरों की उंगलियों को छूने का प्रयास करें अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकते हुए अपने.आपका सिर घुटनों से मिलना चाहिए इस मुद्रा में.
  • अश्व संचालनासन अब दाहिने पैर को पीछे की तरफ ले जाएं गहरी सांस लेते हुए और घुटने को जमीन पर रखते हुए दूसरे पैर को मोड़ें. अपनी हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें और गहरी सांस लें ऊपर सिर रखकर और सामने की ओर देखें.
  • दंडासन अब एक लाइन में रखें पैरों को सीधा करते हुए अपने दोनों हाथों को और अब इसी अवस्था में होल्‍ड करें पुश-अप की मुद्रा बनाते हुए.
  • अष्टांग नमस्कार अब अपनी हथेलियोंऔर , सीना, घुटने जमीन से सटाएं पैरों को.आंखें आगे की तरफ रहेंगी आपकी. अब सांस लेते हुए होल्‍ड करें इस अवस्था में.
  • भुजंगासन अब जमीन पर अच्‍छी तरह से टिकाएं अपनी हथेलियों को और जमीन से सटाते हुए शरीर के अगले हिस्‍से को आगे की तरफ उठाएं पेट को. पीछे की ओर झुकाएं गर्दन को.
  • अधोमुख शवासन अब गहरी सांस लेते हुए जमीन पर सीधा रखें अपने पैरों को और अब ऊपर की ओर उठा लें कूल्हे को.सीधा रखें अपने कंधों को और अंदर की तरफ रखें मुंह को . अब सारे स्‍टेट को रिपीट करें चक्र को पूरा करने के लिए . वीडियो लिंक पर क्लिक करें विस्‍तार से देखने के लिए.

सर्दियों में साइनस आपके डेली रूटीन को बिगाड़ सकती है, राहत पाने के लिए करे ये 5 योगासन

Yoga Asanas to Prevent Sinus

Yoga Asanas to Prevent Sinus:  कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता हैसर्दियों का मौसम आते ही.  आम बीमारियां हैं सर्दी, जुकाम और बुखार ठंड के दिनों की. यह सामान्य फ्लू हो सकता है अगर जुकाम कुछ दिनों तक रहता है तो जो लगभग एक सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाता है. लेकिन, अगर एक सप्ताह से अधिक दिनों तक जुकाम की समस्या रहती है तो आपको समस्या हो सकती है साइनस की. साइनस से ग्रसित लोगों में सांस लेने में दिक्कत, नाक का बहना, नाक में खुजली होना सिर दर्द, जैसी समस्या पाई जाती हैं.

साइनस आमतौर पर इंफेक्शन की बीमारी है हेल्थशॉट्स की खबर के अनुसार लेकिन, लोग इसे  बीमारी समझते हैं नाक की. जो ज्यादातर बाहर और भीड़भाड़ वाले इलाके में रहते हैं यदि आप एक ऐसे लोगों में हैतो आप संक्रमण की वजह से साइनस की चपेट में आ सकते हैं बहुत अधिक संभावना है कि. साइनस से पीड़ित लोगों को अधिक दिक्कत हो सकती है ठंडी हवा, धूल के कण या फिर धुएं से.

सांस लेने में काफी दिक्कत होती है साइनस होने पर पीड़ित को ऐसे में आप ले सकते हैं हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह लेकिन  साइनस की वजह से होने वाली ब्रीदिंग समस्या को हल कर सकते हैं.कुछ योगासन के माध्यम से भी आइए जानते हैं कि कौन कौन से योगासन किए जा सकते हैं साइनस होने पर…

यहां 5 योग मुद्राएं हैं साइनस के दबाव को दूर करने के लिए:

Vajrasana

वज्रासन
–  पीछे की तरफ फोल्ड करके जमीन पर बैठें इस आसन में पैरों को
–  एड़िया आपस में सटी रहें ध्यान रहे कि पीछे की तरफ.
–  एक दूसरे के बगल में रखें पैर की उंगलियों को.
–  घुटनों पर ऊपर की ओर रखें दोनों हाथों की हथेलियों को
–  आपकी रीढ़ की हड्डी पूरी तरह से सीधी रहनी चाहिए आसन करते हुए.
–  इसी पोजिशन में करें कुछ देर इस आसन को.

halasana

हलासन
–  आप पीठ के बल लेट जाएं इस आसन को करने के लिए,
– शरीर के बगल में एकदम सीधा रखें अब अपने दोनों हाथों को.
–  पैरो को सीधा रखकर ऊपर की तरफ सीधा खड़ा करें अब हथेलियों पर दबाओ डालते हुए.
–  पीठ को सीधा खड़ा करने की कोशिश करें अपनी हथेलियों के सहारे से.
–  इसी स्थिति में रहें अब कुछ देर तक.

young attractive woman in sarvangasana pose

सर्वांगासन
–  पीठ के बल लेटकर ही किया जाता है इस आसन को भी.
– सटा कर रखें अपनी बाहों शरीर से .
–  उठाएं और अपने पैरों को आकाश की तरफ सीधा रखें धीरे से अपने पैरों को फर्श से.
–  अपनी छाती छूने की कोशिश करें कमर को ऊपर की तरफ उठाएं और अपनी ठुड्डी के.

padhastasana pose

पादहस्तासन
–  जिसमें अपने पैरों को अपने हांथों से छूना होता है यह एक ऐसा आसन है.
–  शरीर के ऊपरी भाग को नीचे की तरफ झुकाना होता है इसे करने के लिए आपको एकदम सीधा खड़ा होकर.
– आपके दिल के नीचे होता है और अपनी नाक से अपने घुटने को छूने की कोशिश करें इस आसन को करते समय आपका सिर .
–  आपकी दोनो हथेली पैरों पर होनी चाहिए ध्यान रहे कि इस समय.

easy asana Savasana

शवासन
–  सबसे आसान आसन के रूप में गिना जाता है शवासन सभी आसनों में.  प्लेन फर्श पर योगा मैट बिछाकर सीधे लेटना होगा इसे करने के लिए आपको लेकिन आपको तकिए का प्रयोग नहीं करना ध्यान रहे.

–  घुटने पंजे को पूरी तरह से आराम की मुद्रा में छोड़ दें और इसे करते समय अपने पैरो को फैला लें.

–  हथेलियों को आसान की तरफ खुला रखें और अपने हाथों को शरीर से थोड़ा दूर रखें.

– अब आपको ध्यान केंद्रित करना है अपने शरीर के हर अंग पर और अपने पैरों की उंगलियों से इसकी शुरुआत आपको करना होगा. गहरी सांस लें इसे करते समय.

– आप जब भी बहुत अधिक थकावट महसूस करें तो कुछ ही देर में आपक बड़ा आराम देगा शवासन .

बीट रूटन्यूट्रिशन का पावर हाउस है, सर्दियों के मौसम में अपनी डाइट में शामिल करना न भूलें, जानें फायदे

beet benefite

 पोटैशियम और एंटीऑक्‍सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है बीटरूट में. सोबर फाइबर काफी मात्रा में होता है इसमें जो कब्‍ज दूर करने में सहायक है.

Health Benefits of beets : बाजार में तरह-तरह की सब्जियां उपलब्‍ध होती हैं सर्दियों के मौसम में, जो  काफी फायदेमंद है हमारी सेहत के लिए. बीट इनमें से एक है . न्‍यूट्रिशन का पावर हाउस मानी जाती है लाल रंग के इस कंद वाली सब्‍जी.

ये सब्‍जी सहायक होती है हमारी सेहत से जुड़ी कई समस्‍याओं को दूर करने में. इसे पकाकर भी खा सकते हैं आप चाहें तो, पी सकते हैं जूस के रूप में भी,और कच्‍चा भी खा सकते हैं. ये हमारे लिए काफी फायदेमंद है तीनों ही रूप में.

हेल्‍थलाइन के मुताबिक, इसमें काफी मात्रा में पाया जाता है मैग्‍नेशियम, फोलेट, पोटैशियम, विटामिन बी6, कार्ब, आयरन जो शरीर के कई जरूरी अंगों हार्ट, ब्रेन, मेटाबॉलिज्‍म, बोन्‍स सहित को सही तरीके से काम करने में मदद करता है. तो आइए जानते हैं कि हमें क्‍या क्‍या फायदा मिलता है इसके सेवन से.

बीट रूट खाने के फायदे

ब्‍लड प्रेशर कम करे
 हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या है अगर आपको तो  इसे कम कर सकते हैं आप बीट रूट के सेवन से. दरअसल,  ब्‍लड प्रेशर को कम करने में सक्षम है इसमें मौजूद पोटैशियम.

ब्‍लड फ्लो को बेहतर करता है यह जिससे ब्‍लड की बेहतर तरीके से आपूर्ति होती रहती है हार्ट, ब्रेन आदि में.  3 महीने बीटरूट के सेवन के बाद लो ब्‍लड प्रेशर के मरीजों की सेहत में काफी सकारात्‍मक अंतर देखने को मिला.

गट हेल्‍थ के लिए अच्‍छा
भरपूर फाइबर और प्री बायोटिक पाया जाता है बीट रूट में जो  हेल्‍दी रखने के लिए जरूरी है गट में मौजूद गुड बैक्‍टीरिया को. पेट की कई समस्‍याएं आसानी से दूर हो सकती हैं जिसकी वजह से.

बॉडी का नेचुरल डीटॉक्‍स
यह हमारे लिवर को क्‍लीन करने में भी मदद करता है नेचुरल तरीके से. यही नहीं, यह डीटॉक्‍स करने का भी काम करता है बॉडी को. दरअसल लिवर को डीटॉक्‍स करने में मदद करता है इसमें कई जो ऐसे पावरफुल एन्‍जाइम होते हैं.

सूजन करे कम
एंटीऑक्‍सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है बीट में, जो सूजन को कम करने का काम करता है शरीर में कहीं भी मौजूद . संभावना कम हो जाती है जिसकी वजह से कैंसर जैसी बीमारी के होने की.

डायजेशन करे ठीक
 काफी मात्रा में पाया जाता है बीट में सोबर फाइबर. कब्‍ज की समस्‍या को दूर रखने का काम करता है ये फाइबर. इसके अलावा पाचनतंत्र को हेल्‍दी रखता है ये जिससे दिक्‍कत नहीं होती है खाना पचाने में.

डायबिटीज का खतरा कैसे होता है कम एक्सरसाइज करने से? स्टडी में सामने आई वजह

ये करलो कभी नहीं होगा डायबिटीज

मेटाबॉलिज्म संबंधी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं एक्सरसाइज करने से . डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है फिजिकल एक्टिविटी करने से .

Exercise Restores Brain Insulin Sensitivity: करोड़ों लोग दुनियाभर में डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे हैं.  ऐसी बीमारी है डायबिटीज, जिसमें  इंसुलिन की फंक्शनिंग बिगड़ जाती है लोगों के शरीर में और तेजी से बढ़ जाता है ब्लड शुगर लेवल.

 लोगों की इम्यूनिटी वीक हो जाती है डायबिटीज से और खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है अन्य बीमारियों का . कि एक्सरसाइज करने से डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है अब तक आपने सुना होगा.

साबित भी हो चुकी है यह बात कई स्टडी में , लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह होता कैसे है?  एक नई स्टडी सामने आई है इस बारे में,  कैसे एक्सरसाइज डायबिटीज से बचाती है जिसमें बताया गया है.

एक्सरसाइज से इंसुलिन सेंसटिविटी होती है इंप्रूव

एक नई स्टडी मेडिकल न्यूज टुडे की रिपोर्ट के अनुसार में यह बात सामने आई है कि ब्रेन में इंसुलिन सेंसटिविटी को रीस्टोर किया जा सकता है एक्सरसाइज करने से.

इससे डायबिटीज टाइप 2 का खतरा कम हो जाता है.  ब्रेन में इंसुलिन सेंसिटिविटी कम हो जाती है जब लोगों में,  भूख बढ़ जाती है तब और बाधित हो जाता है मेटाबॉलिज्म.

डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है इंसुलिन सेंसटिविटी कम होने से.  ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन बहुत जरूरी होता है हमारी बॉडी में. यह एक हार्मोन जिसकी फंक्शनिंग प्रॉपर रहनी चाहिए.

जर्मनी में की गई थी रिसर्च

टूबिंगन यूनिवर्सिटी यह रिसर्च जर्मनी की हॉस्पिटल और हेम्होल्ट्ज म्यूनिख के शोधकर्ताओं ने की थी. इस  एक्सरसाइज से ब्रेन में इंसुलिन सेंसिटिविटी सेंसटिविटी पर होने वाले असर को देखना स्टडी का मुख्य उद्देश्य था.

अगर हर सप्ताह 3 दिन एक-एक घंटे तक व्यायाम किया जाए तो इस स्टडी में पाया गया कि इंसुलिन सेंसटिविटी का लेवल मेंटेन किया जा सकता है.

शोधकर्ताओं स्टडी करने वाले  का कहना है कि फिजिकल एक्टिविटी करना बहुत जरूरी होता है मोटापा, प्री-डायबिटीज, डायबिटीज और मेटाबॉलिज्म संबंधित बीमारियों से बचने के लिए . कई बीमारियों से बचा जा सकता है एक्सरसाइज के जरिए.

इस वक्त करनी चाहिए एक्सरसाइज

कई स्टडी में यह बात साबित हो चुकी है अब तक कि डायबिटीज का खतरा कम होता है हर दिन एक्सरसाइज करने से और ब्लड शुगर मेंटेन रहता है डायबिटीज से जूझने वाले रोगियों का.

एक स्टडी सामने आई थी पिछले दिनों, जिसमें खुलासा हुआ था कि दोपहर या शाम के वक्त एक्सरसाइज करनी चाहिए डायबिटीज के रोगियों को ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने के लिए.  शरीर और मेंटल हेल्थ दोनों बेहतर होती हैं एक्सरसाइज करने से आपका.

अगर आप अपने दैनिक जीवन में इन चीजों का सेवन करते हैं तो आपकी हड्डियां कमजोर हो जाएंगी, सावधान रहें अन्यथा…

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ऐसी कई चीजें हैं जो आपकी हड्डियों के लिए अच्छी नहीं होती हैं। ये चीजें आपकी हड्डियों को कमजोर करती हैं। मजबूत हड्डियों के लिए शरीर में कैल्शियम की उचित मात्रा बहुत जरूरी है। इसकी कमी से जोड़ों का दर्द, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी कई समस्याएं हो जाती हैं। बढ़ती उम्र के साथ यह समस्या होने लगती है। साथ ही समस्या उम्र से शुरू हो जाती है।

इसे ठीक करने के लिए लोग दवाओं का सेवन करने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके द्वारा खाए जाने वाले कुछ खाद्य पदार्थ आपके कैल्शियम के स्तर को भी कम कर सकते हैं। हम आपको इस डाइट के बारे में बताने जा रहे हैं।

soft drinks
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आवश्यकता से अधिक शीतल पेय का सेवन करने से शरीर में कैल्शियम धीरे-धीरे कम होने लगता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोग सोडा, फ्लेवर्ड जूस समेत कोल्ड ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन करते हैं। उनकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

ज्यादातर लोग ब्रेड, केक और अन्य बेकरी फूड खाना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्वादिष्ट खाना खाने से हड्डियां अंदर से खोखली हो जाती हैं। जिससे व्यक्ति ऑस्टियोपोरोसिस का शिकार हो जाता है।

bakery item
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ऐसे में दूध, अंडे का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन इसे रोजाना खाना हानिकारक होता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग रोजाना नॉनवेज का सेवन करते हैं उनमें हड्डियों की बीमारी होने की संभावना 3-4 गुना ज्यादा होती है।

चॉकलेट खाने से हड्डियां भी कमजोर होती हैं क्योंकि इसमें मौजूद ऑक्सलेट कैल्शियम और शुगर को सोख लेते हैं, जो हड्डियों के लिए खतरनाक हो सकता है.

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चो- कॉफी में कैफीन की मात्रा अधिक होती है। इन दोनों का जरूरत से ज्यादा सेवन करने से कैल्शियम की कमी हो जाती है। जिससे हड्डियां और मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं